Monday, August 28, 2017


देसी और प्रवास पर छतीसग़ढ पहुंचने वाली चिड़ियों की जानकारी एकत्र करने का काम शुरू हो गया है, इसके लिए छतीसग़ढ वन विभाग और देश मे ये आंकड़े जुटने वाली संस्था बर्ड काउंट इंडिया ने संयुक्त अभियान शुरू किया है। इस संकलन से , ये जानकारी मिलेगी किस इलाके में कौन कौन सी बर्ड है और उनकी प्रजाति कम या अधिक किस इलाके में हैं। ये इको टूरिज्म और पक्षी संरक्षण, तथा शोधार्थियों के लिए अहम् साबित होंगी।
पीसीसीएफ वन्यप्राणी आरके सिंह ने जानकारी दी अप्रैल माह में बर्ड फेस्टिवल मनाया जाएगा। पक्षियों की सूचना के केंद्रीयकरण का ऐसा काम पहले कभी नही हुआ है। बर्ड काउंट के श्री सुहेल और उनके सहयोगी ने प्रजेंटशन् दिया।
छतीसग़ढ के जिले जिले तक पहुंच कर बर्डवॉचर से इ बर्ड का काम यहां रवि नायडू ये काम देखेंगे। वन विभाग की तरफ से इस काम का प्रभार मुख्य वन संरक्षक, संगीता को सौंपा गया है। बर्ड वॉचर के रूप में आईजी रायपुर प्रदीप गुप्ता, भागवत टावरी, प्राण चड्ढ़ा,अरुण प्रसाद, निखलेश त्रिवेदी, सत्यप्रकाश पांडेय, मनजीत कौर बल,नेहा समुवेल ने अपने अपने अनुभव सांझा किये। राज्य वॉइल्ड लॉइफ बोर्ड के मेंबर, अरुण एमके भरोस सर, वन्यजीव प्रेमी नीतिन सिंधवी,कंवरजीत सिंह अरोरा, सोनू अरोरा, विकास अग्रवाल, मोहित साहू,प्रदीप जयवदे,ऋषि सेन,सौरभ अग्रवाल, अखिलेश भरोस, यश शुक्ला, हरीश तिवारी, मनेंद्र अवस्थी, शिशिर दास, सुष्मिता मुखर्जी, अमर धमतरी,नवीन वाहनीपति,प्रवीर सिंह,नीलम दीक्षित, रूपेश यादव, बर्ड लवर स्टूडेंडस सहित छतीसगढ़ के कईं जिलों के वर्ड वॉचर ने आयोजन में शिरकत की। इस आशय को लेकर 27 अगस्त को रायपुर में बैठक हुई जिसकी खबर 28 अगस्त 2017 को अख़बारों में सुर्खियां बनी। 

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दैनिक छत्तीसगढ़ में 23 मार्च 18 को प्रकाशित एक तस्वीर