Wednesday, September 28, 2016
Tuesday, September 27, 2016
तस्वीर पर श्रद्धेय Sunil Kumar जी की नज़र पड़ी । नतीज़तन तस्वीर 25 सितंबर 16 को छत्तीसगढ़ समाचार पत्र में |
तस्वीर यक़ीनन श्रद्धेय Sunil Kumar जी के मन को भा गई । नतीज़तन तस्वीर 23 सितंबर 16 की शाम छत्तीसगढ़ समाचार पत्र में । |
करगी रोड से सल्का की ओर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गुजरती ट्रेन को करीब से उस जगह खड़े होकर देखना बड़ा ही आश्चर्यजनक लगता हैं जहां पर अनायास ही ये भ्रम हो आगे रेल पांत ख़त्म हो गई है । दरअसल नवागांव रेल फाटक के समीप खड़े होकर पेंड्रा रोड की ओर बढ़ती रेल लाइन उतार-चढ़ाव के बीच इस तरह का भ्रम बनाती है । तस्वीरों में देखिये जब करगी रोड से आती ट्रेन पेंड्रा की ओर बढ़ती है तो किस किस तरह का दृश्य नज़र आता है । जब ट्रेन उतार से चढ़ाव चढ़ती है तो लगता है जैसे आसमान से कुछ दूरी और बाकी है । प्रदेश के प्रमुख हिंदी दैनिक छत्तीसगढ़ में 18 सितम्बर 16 को पहले पन्नें पर प्रकाशित !
12 जुलाई 16 के The Hitavada में अमरकंटक [एम.पी.] स्थित कपिल धारा के समीप की ये तस्वीर। http://www.ehitavada.com/ |
Today 20 jun 16 The Hitavada [Published simultaneously from Nagpur, Jabalpur, Raipur and Bhopal ] http://www.ehitavada.com/ |
मेरी कोशिश और उम्मीद पर न्याय का फरमान ...
जी हाँ, जिस हाथी को पिछले डेढ़ महीने से वन महकमें ने दोस्त बनाने की आड़ में मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया था उसकी रिहाई और इलाज़ का फरमान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जारी कर दिया है। मनमाने अफसरों की दलीलों पर न्यायमूर्तियों ने कड़ी फटकार भी लगाई है । मैंने 25 दिसंबर 2015 को अचानकमार टाइगर रिजर्व के आश्रित ग्राम बिन्दावल पहुंचकर उस हाथी को देखने की कोशिश की जिसेपकड़ लेने के बाद वन-महकमें ने अपनी पीठ काफी थपथपाई। कुछ महीने पहले अमाडोब के करीब झुण्ड से बिछड़े हाथी ने काफी उत्पात मचाया था जिसे लेकर वन-विभाग के अफसरों ने उसे पकड़कर फ्रेंडली बनाने की कवायद का शोर मचाया। जब मैं मौके पर पहुंचा तो हाथी की शक्लो-सूरत देख कर सिहर उठा। मैंने बड़ी ही सतर्कता और सितमगरों [वन कर्मियों] की नज़रों से बचते बचाते कुछ तस्वीरें लीं। जंजीर से जकड़े उस हाथी पर पल-पल होते जुल्म की हकीकत को मैंने सोशल मीडिया के जरिये सार्वजनिक किया। कई वन्य-प्रेमियों को भरोसा नहीं हुआ लेकिन हकीकत तस्वीरें ब्यान कर रहीं थी।
शुक्रिया समाचार पत्र दैनिक भास्कर का जिसने हाथी पर होते जुल्म को बड़ी ही प्रमुखता से प्रकाशित किया। शुक्रिया नितिन सिंघवी जी का जिन्होंने मेरी तस्वीरों के जरिये हाथी की पीड़ा, और मेरी मंशा को समझा। मेरी कोशिश सिर्फ इतनी थी की बेजुबान हाथी पर हो रहे जुल्म को रोका जाए। उसके जख्मों पर प्रताड़ना की बजाए राहत का मलहम लगाया जाए। मैं 16 जनवरी 2016 को एक बार फिर हाथी की खैर-खबर लेने पहुंचा। इस बार मामला पहले से ज्यादा गंभीर दिखा। मैंने फिर से कुछ तस्वीरें लीं। इस बार हाथी के तीन पैर एकदम जख्मीं और गलते हुए नज़र आये। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को पार कर चुके वन अफसरों को शायद ये सब नहीं नज़र आ रहा था। इस बार की तस्वीर और नितिन जी की कोशिश रंग ले आई। उन्होंने 20 जनवरी 2016 को हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई जिस पर कल यानी 21 जनवरी 2016 को माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए हाथी के इलाज और उसकी रिहाई के आदेश दिए हैं। [ 22 जनवरी 16 ]
शहर की जीवनदायिनी 'अरपा' की दो अलग-अलग तस्वीरों पर दैनिक भास्कर का नजरिया। आज के अखबार में प्रकाशित ये रिपोर्ट देखकर शायद उन कथित ठेकेदारों को शर्म आ जाये जो गाहे-बगाहे अरपा को बचाने की वकालत करते हैं। बड़े ही शर्म की बात है कि जिस अरपा को हम जीवन दायिनी कहते नहीं थकते उसी में आज शहर की गन्दगी का अम्बार नज़र आता है। अरपा की कोख को सुनी करने वालों के वैभव को देखकर तो यही लगता है की उन्हें ऊपर वाले की लाठी का कोई खौफ नहीं है। [ दैनिक भास्कर 7 जनवरी 16 ]
Monday, September 26, 2016
अचानकमार टाइगर रिजर्व इलाके के ग्राम बिंदावल में एक भटके हुए हाथी को जंजीरों में कैदकर उसके साथ हो रहे जुल्म की हकीकत जब तस्वीरों के जरिये सामने आई तो वन महकमें के कुछ अधिकारियों की साँसें फूल गईं। दैनिक भास्कर ने हाथी पर होते जुल्म की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया और उस खबर का फालोअप भी दिया। वन्य-जीव के जानकारों के मुताबिक़ हाथी पर जुल्म हो रहा है लेकिन वन महकमे के एक अफसरान अपनी ही राग अलापे पड़े हैं। खैर हमारा मकसद उस हाथी के बच्चे की जान बचाना है। शुक्रिया दैनिक भास्कर [2 जनवरी 16] ।
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दैनिक छत्तीसगढ़ में 23 मार्च 18 को प्रकाशित एक तस्वीर
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एक रहस्य्मयी मीनार जो झूलती हैं मगर क्यों इसका रहस्य आज तक बरकरार है। गुजरात के अहमदाबाद से ली गई उस ऐतिहासिक धरोहर की तस्वीर दैनिक छ...
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अंग्रेजी अखबार हितवाद में 28 अगस्त 2017 को घोंघा जलाशय कोटा [बिलासपुर] की खूबसूरती को दर्शाती दो तस्वीरें